While hospital tragedies like in Nanded or Gorakhpur are briefly covered by the media, the abysmal state of health infrastructure and paltry spending on public healthcare are glossed over. There are claims of increased budgeting and lowering out of pocket expenditure, the reality is worth digging into.
This is the eleventh in a series of report cards by the Financial Accountability Network India, that attempts (even if not exhaustively) to glance through and highlight a few of the claims and reality of the government’s performance across various sectors from a financial and economic lens. While the divisive and jingoist hyperboles in the media facilitate a collective amnesia, the report card is an attempt to brings back the question of accountability.
Read and Download the Report Card here: Health | Report Card 2014-24
दस साल का हिसाब किताब | स्वास्थ पर रिपोर्ट कार्ड
नांदेड़ या गोरखपुर जैसी अस्पताल त्रासदियों को मीडिया जल्द ही भूला देता है। और उसी के साथ दब जाती है स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की ख़राब स्थिति और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खर्च के जैसे बुनियादी सवाल।
स्वास्थ पर यह रिपोर्ट कार्ड (हालांकि निर्णायक नहीं) फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी नेटवर्क इंडिया की एक श्रृंखला का हिस्सा है, जो वित्तीय और आर्थिक दृष्टिकोण से विभिन्न क्षेत्रों में सरकार के प्रदर्शन के कुछ दावों और वास्तविकता पर नज़र डालने और उजागर करने का एक प्रयास है।
यहाँ रिपोर्ट हिन्दी में पढ़ें: स्वास्थ पर रिपोर्ट कार्ड